छत्तीसगढ़ में डी.एड. बी.एड. प्रशिक्षित अभ्यर्थी होने के बाद भी 57000 शिक्षकों की भर्ती नहीं, 4000 से अधिक स्कूलों के युक्तियुक्तकरण पर स्थाई रोक की मांग।
प्रदेश के लाखों बच्चों व युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने 57,000 शिक्षक भर्ती के मांग तथा राज्य शासन द्वारा सन् 2008 सेटअप में परिवर्तन के विरोध में बी.एड.; डी.एड. प्रशिक्षित युवाओं ने झलमला से संयुक्त कार्यालय कलेक्ट्रेट बालोद तक रैली के निकालकर जिलाधीश बालोद के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
2008 के सेटअप में परिवर्तन के विरोध और 57 हजार शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर जिला बालोद डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन।
जिसमें विश्वास साहू, डामेंद्र देवांगन, टिकेश्वर साहू, यशपाल निषाद, तारेंद्र साहू, जागेश्वर साहू, पूजा साहू, नवीन, राजेश साहू, दीप्ति ठाकुर, दीपिका साहू, चयनेश्वरी ठाकुर, सत्यभामा नेताम, मधु यादव, कीर्ति साहू, युवराज नेताम, गंगा साहू , तथा सैकड़ों डीएड बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी सम्मिलित रहे।
विधानसभा चुनाव के पूर्व छत्तीसगढ़ भाजपा के द्वारा मोदी की गारंटी के नाम पर 57000 शिक्षक भर्ती की घोषणा 2 वर्ष में तथा तत्कालीन शिक्षा मंत्री वर्तमान संसद सदस्य बृजमोहन अग्रवाल के द्वारा विधानसभा पटल पर 33,000 शिक्षक भर्ती शिक्षा सत्र 2023-2024 में ही पूर्ण किये जाने का वादा किया गया ।
जिसको देखते हुए युवाओं ने छत्तीसगढ़ भाजपा के ऊपर विश्वास जताया, विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और लोकसभा चुनाव में 11 सीटों में से 10 सीटों में जीत दर्ज कराई।
लेकिन अभी तक 57,000 शिक्षक भर्ती में से एक भी पदों पर भर्ती नहीं किया गया।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र 2024 के दौरान माननीय विधायक श्री ओमकार साहू, श्री दिलीप लहरिया, श्रीमती शेषराज हरवंश व श्री रिकेश सेन जी सहित कई विधायकों ने प्रमुखता से शिक्षक भर्ती व छत्तीसगढ़ के शिक्षा व्यवस्था को लेकर सदन में आवाज उठाया गया ।
ततपश्चात इसी क्रम में बजट सत्र 2025-26 के दौरान माननीय विधायक श्री धरमलाल कौशिक जी के द्वारा व माननीय विधायक श्री अटल श्रीवास्तव जी के द्वारा विधानसभा पटल पर यह प्रश्न किया गया कि छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के कितने पद रिक्त है और कब तक पूर्ण किया जाएगा तब माननीय मुख्यमंत्री (शिक्षा मंत्री) छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विधानसभा पटल में जवाब दिया गया की 56,601 पद रिक्त है (जबकि यह आंकड़ा पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दिए जानकारी अनुसार 78,000 परिक्ति का था) जिसे भरे जाने की समय सीमा बताया जाना संभव नही है बताया गया।
आज छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण के नाम पर 4000 से अधिक स्कूलों को बंद करने जा रही है और स्कूल सेटप 2008 में बदलाव कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 का उलंघन भी कर रही है।
छत्तीसगढ़ के डीएड बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थीयों ने राज्य सरकार से छत्तीसगढ़ के गरीब, वंचित, आदिवासी बच्चों व युवाओं के भविष्य के हित को ध्यान में रखते हुए 57,000 शिक्षक भर्ती मोदी की गारंटी को जल्द से जल्द पूर्ण तथा युक्तियुक्तकरण पर स्थाई रोक लगाने की मांग रखी।


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